Wednesday, March 4, 2009

केंद्र सरकार की कंपनियों ने एक साल में 44 हजार को निकाला

केंद्र सरकार की कंपनियों ने एक साल में 44 हजार को निकाला
3 Mar 2009, 2312 hrs IST, पीटीआई

नई दिल्ली: ग्लोबल आर्थिक मंदी की आहट से काफी पहले ही भारत में जॉब कट का दौर शुरु हो गया था और केंद्र सरकार की कंपनियों से 2007-08 में करीब
44,000 एंप्लॉईज को नौकरी से निकाला जा चुका था। लेबर मिनिस्ट्री के 48 वीं पब्लिक एंटरप्राइजेज सर्वे 2007-08 की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है।

सर्वे में कहा गया है कि सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज (सीपीएसईएस)यानी केंद्र सरकार की कंपनीज़ में 2007-08 के दौरान 15.7 लाख लोगों को नौकरी पर रखा गया जबकि इससे पहले के कारोबारी साल में यह आकंड़ा 16.14 करोड़ था। एंप्लॉईज की यह छंटनी हैरतअंगेज तौर पर उस दौरान हुई है जब सीपीएसईएस के प्रॉफिट में बढ़ोतरी देखी गई थी। जहां एक साल पहले के कारोबारी साल में सीपीएसईएस का प्रॉफिट 89,578 करोड़ रुपए रहा था वहीं 2007-08 में यह बढ़ कर 91, 140 करोड़ रुपए हो गया था। सर्वे में यह साफ तौर पर कहा गया है कि सिंतबर 2008 में दुनिया भर को चपेट में लेना शुरु करने वाली ग्लोबल मंदी से इस छंटनी का कोई लेना देना नहीं है।

सर्वे में कहा गया है कि ग्लोबल मंदी की मार के चलते दिसंबर 2008 तक के आखिरी चार महीनों में 5 लाख वर्कर्स को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। सर्वे में खुलासा किया गया कि केंद्र सरकार की 242 कंपनीज में नौकरी पर रखे गए 15.7 लाख एंप्लॉईज में केवल 1.32 लाख महिलाएं थीं।

दरअसल, 2001-02 से केंद्र सरकार की कंपनीज में एंप्लॉईज की संख्या में जबरदस्त कमी ही आती रही है। 2001-02 में सीपीएसईएस में लगभग 20 लाख एंप्लॉईज थे। 2006-07 में यह संख्या 16.14 लाख जबकि 2007-08 में यह 15.7 लाख ही रह गई।

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