Wednesday, March 4, 2009

आईपीसीएल का विनिवेश

शनिवार, 18 मई, 2002 को 16:13 GMT तक के समाचार
आईपीसीएल का विनिवेश
http://www.bbc.co.uk/hindi/news/020518_ipcl_ac.shtml

आईपीसीएल प्लास्टिक उत्पाद तैयार करनेवाली दूसरी बड़ी कंपनी

भारत सरकार ने भारतीय पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड यानी आईपीसीएल में अपना 26 प्रतिशत हिस्सा रिलायंस इंडस्ट्रीज़ को बेचने का फ़ैसला किया.

अधिकारियों के अनुसार प्रत्येक शेयर 231 रुपए में बेचा जाएगा और इससे सरकार को 1490.84 करोड़ रुपए मिलेंगे.


आईपीसीएल 6000 करोड़ रुपए का कारोबार करती है
आईपीसीएल में अपने शेयर बेचने का फ़ैसला सरकार की विनिवेश मामलों की मंत्रिपरिषद की समिति की शनिवार को हुई बैठक में किया गया.

शुक्रवार को विनिवेश पर सचिवों की समिति ने आईपीसीएल में सरकारी हिस्सेदारी खरीदने में रुचि दिखानेवाली तीन कंपनियों, सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और निजी क्षेत्र की रिलांयस और निरमा समूह की निविदाओं की समीक्षा की.

रिलायंस समूह ने आईपीसीएल के शेयरों के लिए सबसे अधिक कीमत लगाई थी.

इसके पहले रिलायंस समूह विदेश संचार निगम और इंडो बर्मा पेट्रोलियम (आईबीपी) में सरकारी हिस्सेदारी ख़रीदने के असफल प्रयास कर चुकी है.

दो महीने के भीतर सार्वजनिक क्षेत्र की यह दूसरी बड़ी कंपनी है जिसका विनिवेश किया गया.

इसके पूर्व सरकार ने आईबीपी में विनिवेश किया था.

विनिवेश प्रयास

पिछले वर्ष नवंबर में आईपीसीएल के विनिवेश का निर्णय लिया गया था.


विनिवेश मंत्री अरुण शौरी
लगभग 6,000 करोड़ रुपए का कारोबार करने वाली आईपीसीएल में सरकारी हिस्से को बेचने का प्रयास पिछले दो वर्षों से चल रहा है.

लेकिन कई कारणों से इसमें सफलता हाथ नही लगी है.

आईपीसीएल के विनिवेश के बाद दो अन्य पेट्रोलियम कंपनियों एचपीसीएल और बीपीसीएल में विनिवेश की प्रकिया शुरू की जाएगी.

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