Monday, May 9, 2011

Fwd: भाषा,शिक्षा और रोज़गार



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From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/5/9
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
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भाषा,शिक्षा और रोज़गार


रामचरितमानस और रामायण अब भोजपुरी में भी

Posted: 08 May 2011 11:15 AM PDT

मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जीवन को लेकर विभिन्न भाषाओं में कई पुस्तकों तथा ग्रंथों की रचना हुई, जिनमें सर्वाधिक चर्चित रामचरितमानस और रामायण है। ये दोनों ग्रंथ अब लोगों को भोजपुरी में भी उपलब्ध हैं। इनका भोजपुरी अनुवाद बिहार के बक्सर जिले के एक सेवानिवृत्त अधिकारी ने किया है।

क्षेत्र के लोग भोजपुरी में अनुवादित 'राम रसायन' का श्रद्धापूर्वक पाठ कर रहे हैं। भोजपुरी भाषा को भले ही संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया जा सका हो, लेकिन यहां के लोगों को गर्व है कि उनकी अपनी भाषा में इस महान धार्मिक ग्रंथ का तो सृजन हो ही गया।

बक्सर जिले के राजपुर थाना क्षेत्र के दुदुरा गांव में जन्मे पंडित बद्री नारायण दुबे ने भगवान राम के चरित्र को उकेरने वाली अपनी पुस्तक का नाम 'राम रसायन' रखा है। उन्होंने बताया कि शुरू में साहित्य से उनका कोई लगाव नहीं था।

लेकिन 31 जुलाई, 1993 को जब वह राजस्व पदाधिकारी के रूप में कार्यरत थे, भगवान राम के भक्त हनुमान ने उनके सपने में आकर उन्हें भोजपुरी में रामचरितमानस लिखने का आदेश दिया।

उन्होंने इस बात की जानकारी अपने गुरु वृंदावन के महामृत्युंजय मौनी बाबा को दी। उन्होंने कहा कि यह आशीर्वाद है। वह बताते हैं कि तभी से अचानक उनके मन में कविता के भाव आने लगे और छंद बनने लगे। इसके बाद उन्होंने राम की सम्पूर्ण लीलीओं को भोजपुरी छंदों में पुस्तक के रूप में लिपिबद्ध किया।

वह बताते हैं कि 'राम रसायन' महर्षि वाल्मीकि के 'रामायण' तथा गोस्वामी तुलसीदास के 'रामचरितमानस' का भोजपुरी भाषा में रूपांतर है। इस पुस्तक के प्रथम खंड में बाल कांड, द्वितीय खंड में अयोध्या कांड, तृतीय खंड में अरण्य कांड, किष्किंधा एवं सुंदर कांड और चौथे खंड में युद्ध कांड तथा उत्तर कांड शामिल हैं।


उन्होंने बताया कि 'राम रसायन' को दोहा एवं छंद के माध्यम से भोजपुरी भाषा में तैयार किया गया है, जिसमें 1802 छंद, 710 दोहा, 100 सोरठ, 331 चौपाई शामिल हैं। इसके अतिरिक्त इसमें 99 भजन भी शामिल किए गए हैं। दुबे प्रारंभ से ही रामभक्त रहे हैं। इन दिनों वह राम के जीवन पर आधारित प्रवचन भी करते हैं। वह कहते हैं कि प्रवचन से राम के आदर्शो को लोगों तक पहुंचाया जा सकता है।

बक्सर एवं आसपास के लोग भी उनके सादे विचार और आदर्श मूल्यों की प्रशंसा करते हैं। स्थानीय निवासी उमाकांत त्रिपाठी के अनुसार अपनी भाषा में रामचरित मानस आ जाने से वह प्रतिदिन इसका पाठ करने लगे हैं(हिंदुस्तान,पटना,7.5.11)।

दैनिक जागरण की रिपोर्टः
मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जीवन को लेकर विभिन्न भाषाओं में कई पुस्तकों तथा ग्रंथों की रचना हुई, जिनमें सर्वाधिक चर्चित रामचरितमानस और रामायण हैं। ये दोनों ग्रंथ अब लोगों को भोजपुरी में भी उपलब्ध हैं। इनका भोजपुरी अनुवाद बिहार के बक्सर जिले के एक सेवानिवृत्त अधिकारी ने किया है। क्षेत्र के लोग भोजपुरी में अनुवादित राम रसायन का श्रद्धापूर्वक पाठ कर रहे हैं। भोजपुरी भाषा को भले ही संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया जा सका हो, लेकिन यहां के लोगों को गर्व है कि उनकी अपनी भाषा में इस महान धार्मिक ग्रंथ का तो सृजन हो ही गया। बक्सर जिले के राजपुर थाना क्षेत्र के दुदुरा गांव में जन्मे पंडित बद्री नारायण दुबे ने भगवान राम के चरित्र को उकेरने वाली अपनी पुस्तक का नाम राम रसायन रखा है। उन्होंने बताया कि शुरू में साहित्य से उनका कोई लगाव नहीं था। लेकिन 31 जुलाई, 1993 को जब वह राजस्व पदाधिकारी के रूप में कार्यरत थे, भगवान राम के भक्त हनुमान ने उनके सपने में आकर उन्हें भोजपुरी में रामचरितमानस लिखने का आदेश दिया। उन्होंने इस बात की जानकारी अपने गुरु वृंदावन के महामृत्युंजय मौनी बाबा को दी। उन्होंने कहा कि यह आशीर्वाद है। वह बताते हैं कि तभी से अचानक उनके मन में कविता के भाव आने लगे और छंद बनने लगे। इसके बाद उन्होंने राम की संपूर्ण लीलाओं को भोजपुरी छंदों में पुस्तक के रूप में लिपिबद्ध किया। वह बताते हैं कि राम रसायन महर्षि वाल्मीकि के रामायण तथा गोस्वामी तुलसीदास के रामचरितमानस का भोजपुरी भाषा में रूपांतर है। इस पुस्तक के प्रथम खंड में बाल कांड, द्वितीय खंड में अयोध्या कांड, तृतीय खंड में अरण्य कांड, किष्किंधा एवं सुंदर कांड और चौथे खंड में युद्ध कांड तथा उत्तर कांड शामिल हैं। उन्होंने बताया कि राम रसायन को दोहा एवं छंद के माध्यम से भोजपुरी भाषा में तैयार किया गया है, जिसमें 1802 छंद, 710 दोहा, 100 सोरठ, 331 चौपाई शामिल हैं। इसके अतिरिक्त इसमें 99 भजन भी शामिल किए गए हैं। दुबे प्रारंभ से ही रामभक्त रहे हैं। इन दिनों वह राम के जीवन पर आधारित प्रवचन भी करते हैं। वह कहते हैं कि प्रवचन से राम के आदर्शो को लोगों तक पहुंचाया जा सकता है। बक्सर और आसपास के लोग भी उनके सादे विचार और आदर्श मूल्यों की प्रशंसा करते हैं।

ऑनलाइन इंजीनियरिंग परीक्षा पर विचार कर रही है CBSE

Posted: 08 May 2011 11:00 AM PDT

प्रतिष्ठित अखिल भारतीय इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा (एआईईईई) का पर्चा लीक होने को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) इसे ऑनलाइन माध्यम से आयोजित करने पर विचार कर रहा है।

सीबीएसई के अध्यक्ष विनीत जोशी ने कहा कि बोर्ड विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहा है जिससे एआईईईई जैसी परीक्षा निष्पक्ष और सुरक्षित ढंग से आयोजित की जा सके। इसमें आनलाइन परीक्षा की तरफ धीरे-धीरे पूरी तरह से बढ़ना सबसे महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि बोर्ड अलग-अलग तरह की प्रतियोगिता परीक्षाओं का आयोजन करता है। एआईईईई परीक्षा का आयोजन साल 2000 से इसी तर्ज पर होता आया है। सुरक्षित ढंग से परीक्षा आयोजित करने में पहले कभी कोई समस्या नहीं आई।

उन्होंने कहा कि बोर्ड ने इस बार भी देश के 20 केंद्रों पर ऑनलाइन माध्यम से एआईईईई परीक्षा का आयोजन किया था और इसमें कोई समस्या नहीं उत्पन्न हुई। यह एक समाधान हो सकता है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में एआईईईई का पर्चा लीक होने और छह-छह लाख रुपए में कथित तौर पर बेचे जाने का मामला प्रकाश में आने पर सीबीएसई ने एक मई को आयोजित परीक्षा साढ़े नौ बजे के स्थान पर 12 बजे कर दी थी। और प्रश्नपत्र के दूसरे सेट से परीक्षा ली गई।


अगले वर्ष से पूरे देश में साझा चिकित्सा परीक्षा आयोजित करने के भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) के निर्णय के बीच सीबीएसई 2012 से अखिल भारतीय चिकित्सा परीक्षा (एआईपीएमटी) आयोजित करने के बारे में एमसीआई के प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहा है।

उल्लेखनीय है कि सीबीएसई की ओर से एआईपीएमटी परीक्षा का आयोजन किया जाता है। यह पूछे जाने पर कि क्या सीबीएसई अगले वर्ष से अखिल एआईपीएमटी आयोजित नहीं करेगी, जोशी ने कहा, इस विषय पर एमसीआई ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर निर्णय किया है। एआईपीएमटी के बारे में हम परिषद के जवाब का इंतजार कर रहे हैं।

जोशी ने कहा कि शीर्ष अदालत के आदेश के बाद एमसीआई के संबंध में साझा प्रवेश परीक्षा आयोजित किए जाने के बारे में अधिसूचना जारी की गई है। इस निर्णय के आलोक में सीबीएससी द्वारा आयोजित की जाने वाली एआईपीएमटी परीक्षा के बारे में परिषद को स्थिति स्पष्ट करनी है। हम उनकी पहल का इंतजार कर रहे हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या 11वीं-12वीं कक्षा में भी ग्रेडिंग प्रणाली अपनाए जाने की योजना है, उन्होंने कहा कि पहली से 10वीं कक्षा तक ग्रेडिंग लागू की गई है लेकिन 11वीं और 12वीं कक्षा के लिए अभी ऐसी कोई योजना नहीं है।

स्कूलों में सतत समग्र मूल्यांकन (सीसीई) से जुड़ी समस्याओं के बारे में पूछे जाने पर जोशी ने कहा कि स्कूलों में आयोजित होने वाली परीक्षाओं के संदर्भ में छात्रों और शिक्षकों की कई प्रकार की उलझने सामने आई हैं। इस संबंध में विभिन्न विषयों पर गौर करने के बाद शिक्षकों से फार्मेटिव मूल्यांकन को एक अवसर के तौर पर देखने और सत्र में कम से कम दो बार अभिभावकों के साथ बैठक करने और छात्रों के विचारों को भी समाहित करने का सुझाव दिया गया है। इसके जरिये प्रत्येक छात्र के कमजोर और मजबूत पक्षों के बारे में चर्चा करने और पठन पाठन के संबंध में खाई को पाटने की दिशा में काम करने में मदद मिलेगी(हिंदुस्तान,दिल्ली,8.5.11)।

डीयूःनॉन-कॉलेज में 6 जून से फॉर्मों की बिक्री

Posted: 08 May 2011 10:45 AM PDT

दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉन-कालेजिएट वुमेंस एजुकेशन बोर्ड में दाखिले की तिथि भी तय हो गई है। नॉन कालेजिएट कॉलेजों में दाखिला फॉर्म छह जून से लेकर 21 जून तक प्राप्त किया जा सकता है। जबकि 27 जून से लेकर 31 जुलाई तक दाखिला होगा और छह अगस्त से कक्षाएं शुरू की जाएंगी।

नॉन-कॉलेजिएट कॉलेजों में दाखिले का प्रोस्पेक्टस सभी कार्यदिवस के दिन बोर्ड ऑफिस से प्राप्त किया जा सकता है। जबकि शनिवार और रविवार को चलने वाले सभी टीचिंग सेंटर से सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर तीन बजे तक प्राप्त किया जा सकता है।

दाखिले का पहला कटऑफ 24 जून को जारी किया जाएगा। दूसरा कटऑफ आठ जुलाई को जारी किया जाएगा। जबकि तीसरा और अंतिम कटऑफ 22 जुलाई को जारी किया जाएगा। शनिवार को चलने वाले सेंटरों की कक्षाएं छह अगस्त से शुरू की जाएंगी। जबकि सात अगस्त से रविवार वाले सेंटरों की कक्षाएं शुरू होंगी।

भारती कॉलेज

पहली कट ऑफ के आधार पर दाखिला शुरू-27 जून
दूसरी कट ऑफ के आधार पर दाखिला शुरू -11 जुलाई
तीसरी कट ऑफ के आधार पर दाखिला शुरू -25 जुलाई
कालिंदी कॉलेज

पहली कट ऑफ के आधार पर दाखिला शुरू-28 जून
दूसरी कट ऑफ के आधार पर दाखिला शुरू -12 जुलाई
तीसरी कट ऑफ के आधार पर दाखिला शुरू -25 जुलाई

जीसस एंड मैरी कॉलेज

पहली कट ऑफ के आधार पर दाखिला शुरू-29 जून
दूसरी कट ऑफ के आधार पर दाखिला शुरू -13 जुलाई
तीसरी कट ऑफ के आधार पर दाखिला शुरू -26 जुलाई(हिंदुस्तान,दिल्ली,6.5.11)

बिहार बोर्ड का होगा आधुनिकीकरण

Posted: 08 May 2011 10:30 AM PDT

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बिहार बोर्ड) के आधुनिकीकरण की कवायद शुरू हो गई है। बेल्ट्रान के सहयोग से बोर्ड के कंप्यूटराइजेशन व उसके वेबसाइट को अपडेट किया जायेगा। इसको लेकर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पदाधिकारियों व बेल्ट्रान के पदाधिकारियों के बीच बोर्ड परिसर में पिछले दिनों बैठक आयोजित की गई जिसमें बोर्ड को पहले से अधिक आधुनिक बनाने पर विचारिवमर्श किया गया। बिहार बोर्ड के वेबसाइट पर अब दस वर्षों का डाटा मौजूद रहेगा। मतलब वर्तमान वर्ष समेत दस वर्ष तक का रिजल्ट व अन्य जानकारियां उपलब्ध कराने पर विचार किया जा रहा है। इसके साथ ही बोर्ड के वेबसाइट पर नई-नई जानकारियां भी मौजूद होंगी। वहीं पुराने लोगों के नाम भी हटेंगे। बताते चलें कि बिहार बोर्ड का वेबसाइट फिलहाल काफी कम अपडेट रहता है। सिर्फ परीक्षा के रिजल्ट के दौरान और कई अन्य मौकों पर ही उसमें नई जानकारियां उपलब्ध कराई जाती हैं। वहीं बहुत सारी जानकारियां प्राप्त करने के लिए अब भी परीक्षार्थियों व छात्रों को बोर्ड परिसर का चक्कर काटना पड़ता है। वेबसाइट अपडेट होने के बाद छात्रों की ये परेशानियां दूर हो जाएंगी। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष राजमणि प्रसाद सिंह ने बताया कि बोर्ड के आधुनिकीकरण को लेकर बेल्ट्रान के पदाधिकारियों के साथ बैठक हुई थी। बोर्ड के कंप्यूटराइजेशन को लेकर प्रयास शुरू कर दिये गये हैं। इससे बोर्ड की कार्यपण्राली पहले से अधिक सहज और तेज होगी, जिसका मैट्रिक व इंटर के परीक्षार्थियों को फायदा मिलेगा(राष्ट्रीय सहारा,पटना,8.5.11)।

गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटीःकालेजों में नहीं होगी प्रवेश परीक्षा

Posted: 08 May 2011 10:15 AM PDT

गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने स्टेट यूनिवर्सिटी की स्थापना की प्रक्रिया शुरू होने के साथ नई व्यवस्थाओं से हाथ खींचना शुरू कर दिया है। सेंट्रल यूनिवर्सिटी से फिलहाल करीब 125 कालेज संबद्ध हैं। कालेजों में लचर व्यवस्था को सुधारने के लिए सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने प्रवेश परीक्षा लेने का निर्णय लिया था।

इसके पीछे उद्देश्य था कि प्रवेश परीक्षा लेने से योग्य छात्रों को ही कालेजों में एडमिशन मिल पाएगा। इन दिनों कालेजों में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स की भीड़ बढ़ रही है। प्रवेश परीक्षा होने से इनकी मुश्किलें बढ़ जातीं। फार्म ब्लैक करने के साथ ही एडमिशन में हो रही गड़बड़ियों की शिकायत यूनिवर्सिटी प्रशासन को मिली थी। इसे देखते हुए व्यवस्था सुधारने के लिए ही कालेजों में प्रवेश परीक्षा अनिवार्य कर दिया गया था।

..इसलिए होना था एग्जाम

पहले मनचाहे तौर पर एडमिशन दे दिया जाता था और कभी-कभी ऐसे हालात बनते थे कि सीटें फुल हो जाने के कारण योग्य छात्रों को एडमिशन नहीं मिल पाता था। इस व्यवस्था में सुधार के लिए प्रवेश परीक्षा का कान्सेप्ट बनाया गया। परीक्षा के आधार पर संबंधित विषय में एडमिशन लेने वाले छात्र की योग्यता का आंकलन किया जाता है और मेरिट आधार पर ही छात्रों को एडमिशन दिया जाता है।


"नई स्टेट यूनिवर्सिटी की प्रक्रिया शुरू हो गई है। धीरे से सभी कालेज स्टेट यूनिवर्सिटी से संबद्ध हो जाएंगे। ऐसी स्थिति में नई व्यवस्था लागू कर पाना अब संभव नहीं है।"

डा. लक्ष्मण चतुर्वेदी, कुलपति गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी

प्राइवेट छात्रों को राहत

प्रवेश परीक्षा से सबसे ज्यादा नुकसान कमजोर छात्रों को हो सकता था। मेधावी छात्र प्रवेश परीक्षा भी पास कर लेते लेकिन पढ़ाई में कमजोर छात्र प्रवेश परीक्षा पास कर कालेजों मे एडमिशन पा जाते, इसे लेकर संशय था। बहरहाल इस व्यवस्था को लागू करने से हाथ खींचने के बाद छात्रों के चेहरे खिल गए है। नई व्यवस्था लागू से प्राइवेट छात्रों को भी नुकसान होता। 

प्रवेश परीक्षा के जरिए सिर्फ रेग्युलर छात्र ही कालेजों में एडमिशन पाते और प्राइवेट छात्रों को परीक्षा देने का विकल्प ही खत्म हो जाता। उनके पास सिर्फ सरगुजा यूनिवर्सिटी या फिर पं. सुंदरलाल ओपन यूनिवर्सिटी से प्राइवेट परीक्षा देने का विकल्प रहता। यूनिवर्सिटी के इन नई व्यवस्था के हाथ खींचने से फिलहाल छात्रों ने राहत की सांस ली है(दैनिक भास्कर,बिलासपुर,8.5.11)।

राजस्थानःगांवों के 7000 इंजीनियरिंग छात्रों को मुफ्त कोचिंग

Posted: 08 May 2011 10:00 AM PDT

ग्रामीण क्षेत्रों के जो विद्यार्थी इंजीनियरिंग की पढ़ाई का खर्चा नहीं उठा सकते, उन्हें अब राजस्थान सरकार कोचिंग देगी। इनके लिए राज्य में 15 मई से 10 महीने तक देश की सबसे बड़ी क्लास लगेगी। यह क्लास वीडियो कॉन्फ्रेंस रूम की तरह होगी। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों के 7 हजार से ज्यादा विद्यार्थी बिना किसी खर्चे के एक साथ विषय विशेषज्ञों से फिजिक्स, कैमिस्ट्री और मैथ्स नियमित पढ़ेंगे।

सालभर में 100 क्लास अटेंड करने पर उन्हें प्रोत्साहन के रूप में 1000 रुपए भी मिलेंगे। ये विद्यार्थी प्राध्यापकों से फेस-टू-फेस सवाल-जवाब भी कर सकेंगे। इसके लिए अब तक 6500 से ज्यादा स्टूडेंट्स का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसके लिए प्रथम चरण में ९क् लाख रुपए का बजट स्वीकृत किया है। कोचिंग कराने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को सौंपी गई है।

विभाग सैटेलाइट के माध्यम से प्रदेश की पंचायत समितियों और जिला परिषदों में बने सेंटरों में स्टूडेंट्स को कोचिंग देगा। उनसे हर तीन माह में पढ़ाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। बाद में उन्हें प्रमाण पत्र भी दिए जाएंगे। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव राकेश वर्मा के अनुसार चूंकि यह प्रयोग इस साल से ही शुरू किया जा रहा है, इसलिए में फैकल्टी चयन को लेकर कुछ समय लग रहा है। इससे क्लासेज 15 मई से शुरू हो पाएंगी। अगले साल यह सत्र 1 अप्रैल से नियमित रूप से शुरू हो जाएगा।


एक्सपर्ट व्यू: दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए इंजीनियरिंग की कोचिंग की व्यवस्था करना सराहनीय कदम है। यह प्रोजेक्ट काफी अच्छा है। अब तक ग्रामीण स्टूडेंट्स का शहरों में आकर पढ़ाई करना खर्च की वजह से मुश्किल होता था। इस प्रोजेक्ट की प्रभावी मॉनिटरिंग हो, क्लासें समय पर लगें इसके लिए किसी अधिकारी विशेष को जिम्मेदार बनाया जाना चाहिए। - आर. पी. यादव, कुलपति तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा

प्राइम फीगर: 10,000 तक स्टूडेंट्स की संख्या पहुंचने का अनुमान है, 50 पंचायत समितियों में लगे हैं रिसीव ऑनली टर्मिनल (आरओटी) इनमें बड़ी टीवी स्क्रीन के माध्यम से दोनों तरफ से ऑडियो-विजुअल कम्युनिकेशन हो सकेगा। 33 जिला परिषद मुख्यालयों पर भी बनाए हैं गए आरओटी सेन्टर। 134 पंचायत समिति मुख्यालयों पर एसआईटी सेंटर बनाए गए हैं। इनमें ऑडियो कम्युनिकेशन तो एक तरफ से ही होगा, जबकि विजुअल कम्युनिकेशन एक ही तरफ से होगा। बाद में यह कम्युनिकेशन भी दोनों तरफ से हो जाएगा।

ऐसे होगी पढ़ाई: जिला परिषद और पंचायत समिति मुख्यालयों पर एक सेंटर बनाया गया है। स्टूडेंट्स इस सेंटर पर आना होगा और क्लास रूम की ही तरह पढ़ाई करनी होगी। वे वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग से सवाल-जवाब कर सकेंगे। इसके लिए जयपुर के जेएलएन मार्ग पर इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में बने स्टूडियो का उपयोग किया जाएगा। 

मुझे क्या फायदा: कोचिंग इंस्टीट्यूट में दो साल की पढ़ाई का खर्च २.५क् से तीन लाख रुपए आता है। इसमें फीस और हॉस्टल का खर्च आदि शामिल है। बड़े कोचिंग इंस्टीट्यूट इंजीनियरिंग के लिए सालाना 60,000 से 1 लाख रुपए तक शुल्क लेते हैं, जबकि हॉस्टल का खर्चा अलग है। ज्यादातर कोचिंग इंस्टीट्यूट कोटा और जयपुर में हैं। गांव के छात्रों को यह नहीं देना पड़ेगा।

पात्रता क्या होगी: 11वीं कक्षा में विज्ञान विषय में 50 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण हो। अगले साल से 10वीं विज्ञान विषय में 50त्न अंकों से उत्तीर्ण होने पर ही कोचिंग के लिए पात्र होंगे। 

प्रवेश: स्कूल प्रधानाध्यापक के माध्यम से जिला शिक्षा अधिकारी अथवा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को सीधे आवेदन करके। 

कब करना होगा आवेदन: इस वर्ष 20 अप्रैल से 10 मई, 2011 तक

क्लास कितने दिन चलेंगी: करीब 10 महीने क्लास चलेंगी। इसमें कुल 120 क्लासें लगेंगी।

ताकि राजस्थानी हों सबसे आगे: राजस्थान के कोचिंग संस्थानों से इंजीनियरिंग में काफी विद्यार्थी सफल होते हैं, लेकिन उनमें ज्यादातर दूसरे प्रदेशों के या शहरों के होते हैं। इस कोचिंग से ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों को अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश का मौका मिलेगा। आईआईटी, जेईई, एआई ट्रिपल ई, आरपीईटी जैसी परीक्षाओं के परिणामों की मॉनीटरिंग भी की जाएगी। क्लास रूम में होने वाले लेक्चर्स की वीडियो सीडी और विषय विशेषज्ञों के नोट्स की कॉपियां निशुल्क मिलेंगी(दैनिक भास्कर,जयपुर,8.5.11)।

मध्यप्रदेशःसमझ नहीं आ रही रिपोर्ट कार्ड की भाषा

Posted: 08 May 2011 09:45 AM PDT

परीक्षा के बाद अब सभी स्कूलों में परिणाम घोषित होने लगे हैं। सीसीई के तहत तैयार किए जाने वाले ग्रेडिंग सिस्टम ने बच्चों को जहां राहत दी है, वहीं रिपोर्ट कार्ड में ग्रेड की भाषा अभिभावकों के समझ से परे है। उन्हें न तो ग्रेड के मायने समझ आ रहे हैं और न ही वे बच्चे की सालभर की परफॉर्मेंस का अंदाजा लगा पा रहे हैं।

स्कूल प्रबंधन के मुताबिक 90 फीसदी अभिभावक ऐसे हैं, जो रिपोर्ट कार्ड में दी जाने वाली ग्रेड का मतलब नहीं समझ पा रहे हैं। हालांकि इसके लिए स्कूल टीचर उनका सहयोग कर रहे हैं। इस समस्या को देखते हुए शहर के कुछ स्कूलों ने परिणाम घोषित होने से पहले अभिभावकों के लिए वर्कशॉप आयोजित करने का निर्णय लिया है। इससे उन्हें बच्चे की रिपोर्ट समझने में मदद मिलेगी वहीं आगे बच्चे की परफॉर्मेंस भी अच्छी होगी।

तो क्या करें अभिभावक

स्कूल प्रबंधन की राय है कि यदि अभिभावकों को रिपोर्ट कार्ड समझ नहीं आ रहा है तो वह खुलकर टीचर्स से चर्चा कर सकते हैं। वह चाहें तो कॉपी में छात्रों के अंक भी जान सकते हैं। टीचर्स अभिभावकों को मार्किग स्कीम भी दिखाएंगे जिस आधार पर उन्होंने बच्चे का ग्रेड तय किया गया है। रिपोर्ट कार्ड के पीछे दिए जाने वाले ग्रेड को अच्छे से पड़े। टीचर के संपर्क में रहें, इससे बच्चे की एक्टिविटीज की जानकारी मिल सकेगी।


क्या हैं फायदे
-होशियार और कमजोर बच्चों के बीच भेद-भाव खत्म। 
-तनाव हो रहा कम। 
-कमजोर बच्चे भी खुद को नहीं समझेंगे कमजोर। 
-कोई नहीं होगा फेल। 

क्या हैं नुकसान 

-अभिभावक नहीं समझ पा रहे ग्रेड का मतलब। 
-अब बसफार्मेलिटी बनकर रह गया 
रिपोर्ट कार्ड। 
-पता नहीं चल रहा बच्चे का प्रदर्शन। 
-बच्चे की गुणवत्ता हो रही है कम।

टीचर्स से समझें रिजल्ट

रिजल्ट के दौरान अभिभावकों को रिजल्ट की भाषा टीचर्स द्वारा समझाई जा रही है। यहां तक की जो अभिभावक विषयों में अंक जानना चाहते हैं तो उसकी भी जानकारी दी जा रही है। 

किरण भदौरिया,डायरेक्टर, ग्रीनवुड पब्लिक स्कूल 

जिन अभिभावकों को रिपोर्ट कार्ड की भाषा समझ नहीं आ रही है, स्कूल में संपर्क कर सकते हैं। टीचर्स उन्हें हर प्वाइंट पर जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं। 

राहुल श्रीवास्तव,डायरेक्टर, प्रगति विद्यापीठ 

अभिभावकों को ग्रेड से संबंधित स्लिप दी जाती है। जुलाई से अभिभावकों के लिए एक दिन की वर्कशाप आयोजित की जा रही है जिसमें उन्हें ग्रेड के बारे में बताया जाएगा। 

संदीप मित्तल,संचालक,दून पब्लिक स्कूल 

मेरा बेटा 7वीं कक्षा में है। उसका ग्रेड तो अच्छा है, लेकिन करिकुलर एक्टिविटीज में कितना अच्छा प्रदर्शन किया है, इसकी सही जानकारी ग्रेड के जरिए नहीं मिल पाई है। 

नीलिमा अग्रवाल,अभिभावक(दैनिक भास्कर,ग्वालियर,8.5.11)

जामिया : आठवीं तक की क्लासों में ली जा रही फीस

Posted: 08 May 2011 09:30 AM PDT

जामिया के स्कूलों में आठवीं तक शिक्षा देने में शिक्षा के अधिकार कानून के उल्लंघन का मामला प्रकाश में आया है। जामिया के स्कूलों में पहली से आठवीं तक की कक्षा के दाखिले में फीस ली जा रही है। इतना हीं नहीं दाखिले में ट्रांसफर सर्टिकेट भी मांगा जा रहा है। मालूम हो कि शिक्षा के अधिकार कानून में पहली से आठवीं तक बिना किसी नियम के दाखिले और निशुल्क शिक्षा का प्रावधान है। इस बाबत मौलाना आजाद एजुकेशन एंड वेलफेयर आग्रेनाइजेशन ने राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग को शिकायत कर इस संबंध में हस्तक्षेप की मांग की है। आयोग को पहले भी जामिया स्कूल में प्रॉस्पेक्टस के लिए 250 रुपये और साक्षात्कार लेने पर नवा ए हक एनजीओ ने शिकायत की। इस बार अन्य आग्रेनाइजेशन द्वारा स्कूल में दाखिले के लिए ट्रांसफर सर्टिफिकेट मांगे जाने और पहली से आठवीं तक फीस लिये जाने की शिकायत की गई है। आग्रेनाइजेशन द्वारा भेजी शिकायत में जानकारी दी गई है कि जामिया के प्रॉस्पेक्टस में फीस और ट्रांसफर सर्टिफिकेट लिये जाने के नियम प्रकाशित किये गये हैं। शिकायत में बताया गया है कि मॉर्निग शिफ्ट में पहली से पांचवीं कक्षा में 1365 रुपये और छठी से आठवीं तक की कक्षाओं के लिए 1670 रुपये फीस रखी गई है। इसी प्रकार इवनिंग शिफ्ट में प्रीपेट्री से पांचवीं तक की कक्षाओं के लिए 13 हजार 400 रुपये और छठी से आठवीं तक के लिए 16 हजार 950 रुपये फीस रखी गई है। जबकि शिक्षा का अधिकार कानून के तहत आठवंीं तक निशुल्क शिक्षा का प्रावधान है। यह शिकायत आग्रेनाइजेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद इजहार-उल-हसन ने की है(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,8.5.11)।

एमसीडी में बायोमीट्रिक प्रणाली से हाजिरी लगाने पर ही मिलेगा वेतन

Posted: 08 May 2011 09:15 AM PDT

बायोमीट्रिक सिस्टम से हाजिरी नहीं लगाने वाले नगर निगम के कर्मचारियों को अब वेतन नहीं मिलेगा। साथ ही इसमें लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। निगमायुक्त केएस मेहरा ने सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश जारी कर दिये हैं। निगम में फर्जी कर्मचारियों के नाम पर वेतन देने के मामले को अधिकारियों ने गंभीरता से लिया है। हालांकि निगम के नेता इस आरोप पर पहले ही आपत्ति जता चुके हैं। दरअसल नगर निगम में फर्जी कर्मचारियों को लेकर लगातार आरोप-प्रत्यारोप लग रहे हैं। इससे बचने के लिए निगम ने अपने सभी विभागों में बायो-मेट्रिक हाजिरी सिस्टम लागू कर दिया है। शिक्षा विभाग को छोड़कर शेष सभी विभागों में अब बायो-मेट्रिक हाजिरी सिस्टम लागू है। हालांकि अभी तक कई विभागों में बायो-मेट्रिक के साथ ही परंपरागत प्रक्रिया से भी हाजिरी ली जाती थी, लेकिन अब केवल बायो-मेट्रिक सिस्टम से ही हाजिरी मान्य होगी और वेतन मिलेगा। निगम ने सबसे पहले यह पण्राली वर्ष 2008 में टाउन हॉल, कश्मीरी गेट में शुरू की थी। खासबात यह है कि बायो-मेट्रिक सिस्टम और सामान्य प्रक्रिया से हाजिरी लेने में अक्सर सामंजस्यता नहीं बन पाती थी। जिससे कर्मचारियो का वेतन दो-दो महीने तक लटक जाता था। निगम के अधिकारियों ने बायो-मेट्रिक सिस्टम लागू करने वाली कंपनी को निर्देश दिये हैं कि वह सभी कर्मचारियों की हाजिरी का प्रिंट तैयार करे। इसकी पुष्टि विभागों के प्रभारियों से कराने के बाद सीधे वित्त विभाग को भेज दी जायेगी। फिलहाल इसे पायलट योजना के तौर पर करोलबाग जोन में शुरू कर दिया गया है। निगम के वित्तीय सलाहकार मयंक शर्मा की देखरेख में इसे बाकी जोन में भी शुरू किया जा रहा है। दो सफाई निरीक्षक निलंबित : कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में नगर निगम के दो सफाई निरीक्षकों को शनिवार को निलंबित कर दिया गया। आरोप है कि वह सफाई कर्मचारियों की दैनिक हाजिरी बायो- मेट्रिक मशीन से नहीं भर रहे थे। माना जा रहा है कि सफाई को लेकर दौरे कर रहीं महापौर रजनी अब्बी की शिकायत के बाद यह कार्रवाइ की गयी है। राजधानी में सफाई को लेकर मिल रहीं शिकायतों पर महापौर रजनी अब्बी लगातार दौरा कर रही हैं। पिछले दिनों उन्होंने रोहिणी, करोलबाग और सिविल लाइंस जोन का दौरा किया था। जिसमें सफाई को लेकर लोगों ने शिकायत की थी। महापौर ने भी माना था कि कई इलाकों में काफी गंदगी है। उन्होंने इसकी शिकायत निगमायुक्त से भी की थी। शिकायतों के मद्देनजर केएस मेहरा ने करोलबाग जोन का अचानक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पाया कि काम कर रहे सफाई कर्मचारियों का कार्य क्षेत्र बायो-मेट्रिक मशीन में नहीं दर्शाया गया था। मेहरा ने इसे गंभीरता से लेते दो सफाइ निरीक्षक अरुण कुमार और राजेश को निलंबित कर दिया। साथ ही उनके ऊपर भारी जुर्माना लगाने के आदेश दिये हैं। निरीक्षण के दौरान मेहरा के साथ करोलबाग जोन के सचल दस्ते के निदेशक और दूसरे अधिकारी थे। मेहरा ने विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि नियमित सफाई कर्मचारियों के साथ ही अनुबंद्ध और एवजीदार कर्मचारी भी अपनी हाजिरी बायो-मेट्रिक मशीन से ही लगायें(राष्ट्रीयसहारा,दिल्ली,8.5.11)।

जामिया में अब पढ़ें पेट्रोलियम इंजीनियरिंग

Posted: 08 May 2011 09:00 AM PDT

यदि सब कुछ ठीकठाक रहा तो कुवैत सरकार के प्रस्ताव के तहत जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में बीटेक कोर्स शुरू हो जाएगा। जिसके बाद जामिया राजधानी में एकमात्र ऐसा विश्वविद्यालय होगा जहां पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में बीटेक कोर्स की पढ़ाई होगी। कुवैत सरकार के इस प्रस्ताव को जामिया की विद्वत परिषद ने स्वीकृति भी प्रदान कर दी है और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से अब अनुमति लेने के लिए जामिया ने एक पत्र भी लिखा है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया की फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के डीन प्रो. खालिद मोइन ने बताया कि देश में केवल अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और आईआईटी रुड़की में पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में बीटेक कोर्स है। प्रो. मोइन ने बताया कि कुवैत दूतावास राजदूत ने यह जानकारी दी थी कि कुवैत सरकार चाहती है कि जामिया में पेट्रोलियम इंजीनियरिंग का कोर्स चलाए जाएं। प्रो. मोइन ने बताया कि इस कोर्स से कुवैत ही नहीं अन्य भारत में भी बीटेक पेट्रोलियम इंजीनियर की मांग है। उन्होंने बताया कि कुवैत सरकार इस कोर्स को चलाने के लिए फंड देना चाहती है। जिसके लिये जामिया ने दूतावास को पांच साल कोर्स चलाने के लिए 36 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है। उन्होने बताया कि जामिया के इंजीनियरिंग फैकल्टी फिलहाल पांच बीटेक कोर्स चलते हैं। जिसमें सिविल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशंस और कम्प्यूटर इंजीनियरिंग में बीटेक कोर्स शामिल हैं। इन पांच कोर्सेज की कुल सीटें 350 हैं। जिसमें हर कोर्स में 70-70 सीटें हैं। उन्होंने कहा कि बीते साल की तुलना में इस साल जामिया के बीटेक कोर्स की मांग बढ़ी है। बीते साल जहां जामिया इंजीनियरिंग कोर्स में दाखिले के लिए करीब 12 हजार आवेदन आए थे, जबकि इस साल आवेदनों की संख्या बढ़कर 30 हजार पहुंच गई है। बीटेक कोर्स में दाखिला प्रवेश परीक्षा और इंटरव्यू के जरिए होता(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,8.5.11)।

यूपी में प्रवक्ता के एक पद के लिए 210 अभ्यर्थी

Posted: 08 May 2011 08:45 AM PDT

माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की प्रवक्ता परीक्षा जो 22 व 29 मई को होगी, के प्रवेश पत्र अभ्यर्थियों के पते पर रजिस्र्टड डाक से चयन बोर्ड भेज रहा है। अगर किसी अभ्यर्थी को परीक्षा के एक हफ्ते पहले तक प्रवेश पत्र नहीं मिल पाता है , तो वह अपने भरे हुए फार्म एवं अन्य रसीदों के आधार पर चयन बोर्ड से डुप्लीकेट प्रवेश पत्र बनवा सकता है। चयन बोर्ड ने ऐसे अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए सभी प्रवेश पत्र अपनी वेबसाइट डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू .यूपीएसईएसएसबी. ओरजी पर डाल दिया है। इसे अभ्यर्थी सोमवार की शाम से डाउनलोड़ कर सकते है। इस डुप्लीकेट प्रवेश पत्र के साथ दो फोटो सहित परीक्षा मेंशामिल हो सकते है। प्रवक्ता परीक्षा की एक- एक सीट के लिए 210-210 अभ्यर्थी मैदान में है। इसी से समझा जा सकता है कि चयन के लिए अभ्यर्थियों की आपस में कितनी जोरदार टक्कर होगी जबकि इण्टरव्यू के दौरान सफल अभ्यर्थियों में से एक- एक सीट के लिए तीन-तीन अभ्यर्थी बुलाए जाते हैं। प्रवक्ता के रिक्त 956 पदों के लिए सवा दो लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। चयन बोर्ड में अभ्यर्थियों के आवेदन पत्रों की छंटाई लगभग पूरी हो चुकी है। यह परीक्षा दो चरणों में 22 और 29 मई को प्रदेश के 11 मण्डलों में दोदो पालियों में सुबह दस से दोपहर 12 बजे तक और दोपहर दो बजे से शाम चार बजे तक संपन्न होगी। एक- एक पाली में 56 हजार से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल होंगे। चयन बोर्ड के प्रभारी सचिव नवल किशोर ने बताया कि अभ्यर्थियों के आवेदन पत्रों की छंटाई हो चुकी है। चयन बोर्ड परीक्षा संपन्न कराने के लिए मण्डलवार पर्यवेक्षकों की तैनाती करने जा रहा है। यह पर्यवेक्षक चयन बोर्ड के सदस्य और शिक्षा विभाग के अधिकारी है(राष्ट्रीयसहारा,इलाहाबाद,8.5.11)।

यूपीःटीजीटी अंग्रेजी विषय का साक्षात्कार तीन जून से,एकीकृत छात्रवृत्ति परीक्षा परिणाम घोषित

Posted: 08 May 2011 08:30 AM PDT

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक परीक्षा (टीजीटी) के अंग्रेजी विषय का इण्टरव्यू तीन जून से शुरू होकर 14 जून तक चलेगा। इसके बाद गणित विषय का इण्टरव्यू होगा। यह जानकारी प्रभारी सचिव नवल किशोर ने दी है। उन्होंने बताया कि चयन बोर्ड में अभी टीजीटी के हिन्दी विषय का इण्टरव्यू चल रहा है जो 16 मई तक चलेगा।

चार मण्डलों के प्रधानाचार्य पदों का रिजल्ट घोषित


उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने प्रधानाचायरे के हुए इण्टरव्यू का रिजल्ट घोषित करना शुरू कर दिया है। शनिवार को गोरखपुर, झांसी,कानपुर और सहारनपुर के प्रधानाचायरे के पदों के लिए इण्टरव्यू का रिजल्ट घोषित किया गया है। रिजल्ट चयन बोर्ड कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर चस्पा है और सोमवार से चयन बोर्ड की वेबसाइट डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू .यूपीएसईएसएसबी. ओरजी पर रिजल्ट देखा भी जा सकता है।

एकीकृत छात्रवृत्ति परीक्षा परिणाम घोषित 
राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित छात्रवृत्ति योजना परीक्षा वर्ष 2011 का परीक्षाफल घोषित हो गया है जो प्रदेश के सभी जनपदों के परीक्षा केन्द्रों पर उपलब्ध करा दिया गया है। यह जानकारी मनोविज्ञान शाला की निदेशक डा एस सिंह ने शनिवार को दी। उन्होंने बताया कि परीक्षार्थी अपने मण्डल एवं जनपद के परीक्षा केन्द्रों से परीक्षाफल देख सकते है। सफल छात्र/छात्राएं नौवीं कक्षा में प्रवेश लेने के उपरान्त 31जुलाई तक अपना खाता स्टेट बैंक आफ इंडिया में खुलवाकर जिले के केन्द्र व्यवस्थापक के पास क्लेम बिल फार्म अवश्य जमा कर दें, ताकि छात्रवृत्ति की अग्रिम कार्यवाही की जा सके(राष्ट्रीयसहारा,इलाहाबाद,8.5.11)।

डीटीयूःउद्योगों के हिसाब से होगा कोर्स

Posted: 08 May 2011 08:15 AM PDT

दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) अब उद्योग जगत की जरूरतों के हिसाब से कोर्स ला रही है। इस कड़ी में शुक्रवार को एक निजी कंपनी के साथ करार किया। इसके तहत विवि सैमसंग इलेक्ट्रानिक्स कंपनी के कर्मचारियों को हर साल एमटेक और रिसर्च कार्य कराएगी। दूसरी तरफ कंपनी अपने यहां हर साल छात्रों को इंटर्नशिप करने का मौका देगी।


दोनों के बीच हुए इस करार का आदान प्रदान कुलपति प्रो पीबी शर्मा और सैमसंग के प्रबंध निदेशक जेडी क्वाक ने किया। दिल्ली सचिवालय में आयोजित इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्य सचिव दिल्ली सरकार डा पीके त्रिपाठी, प्रधान सचिव, ट्रेनिंग एंड तकनीकी शिक्षा आनंद प्रकाश, संजय राय, प्रो मोइन उद्दीन और डा दया गुप्ता मौजूद थीं। 

प्रो शर्मा ने बताया कि समझौते के तहत निजी कंपनी के २० कर्मचारियों को हर साल एमटेक कोर्स कराया जाएगा। साथ ही दो सीटें पीएचडी के लिए भी आरक्षित रहेंगी। इसमें विश्वविद्यालय और कंपनी के कर्मचारी साझे तौर पर रिसर्च का काम करेंगे। ये सभी कोर्स पार्ट टाइम के रूप में होगा। इसमें कर्मचारियों को नौकरी करने के साथ ही साथ छुट्टी के दिनों में पढ़ाई करने का मौका मिलेगा। उधर विश्वविद्यालय के ५ छात्रों को ६ सप्ताह के लिए कंपनी इंटर्नशिप भी कराएगी। इस दौरान छात्रों को १० हजार ヒपये भी दिया जाएगा(नई दुनिया,दिल्ली,7.5.11)।

निजी स्कूल में बच्चों की पढ़ाई के लिए सरकारीकर्मियों को नहीं मिलेगा पैसा

Posted: 08 May 2011 08:00 AM PDT

सरकारी कर्मचारी के बच्चे अगर निजी स्कूल में प़ढ़ेंगे तो सरकार से उसका पैसा नहीं मिलेगा। शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत कर्मचारी या तो बच्चे को सरकारी स्कूल में प़ढ़ाएं या फिर पैसा सरकार से पैसा न ले। लेकिन इस नियम को ताक पर रखकर सरकारी कर्मचारी एक ओर अपने बच्चों को पब्लिक स्कूल में प़ढ़ा रहे हैं, दूसरी ओर सरकार से शिक्षा के मद में मिलने वाले पैसे भी वसूल रहे हैं। इसमें कोई जांच भी नहीं होती है।


शिक्षा अधिनियम के सेक्शन ८ में उल्लेख किया गया है कि सरकारी कर्मचारियों को बच्चे की प़ढ़ाई के पैसे तभी मिलेंगे जब बच्चा सरकारी स्कूल में प़ढ़ेगा। शिक्षा अधिकार अधिनियम के इस धारा का उद्देश्य सरकारी स्कूल की प़ढ़ाई के स्तर को ब़ढ़ाने के साथ ही समान शिक्षा की संस्कृति ब़ढ़ावा देना है। यह नियम दिल्ली समेत देशभर में लागू हो चुका है पर यह कागजों में ही प्रभावी है, नियम बाहर बेअसर है। कर्मचारी इस नियम को न पालन कर रहे हैं और न ही आचरण में ढाल रहे हैं। उनके लिए पब्लिक स्कूल में प़ढ़ाना स्टेटस सिंबल हो गया है। अधिकांश सरकारी कर्मचारी अपने बच्चों को पब्लिक स्कूल में प़ढ़ा रहे हैं और ऊपर सरकारी खजाने से पैसा भी ऐंठ रहे हैं। यही नहीं सरकारी स्कूल के स्कूल के शिक्षकों बच्चे भी निजी स्कूल में ही प़ढ़ते हैं। 

दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष आर.सी. जैन का कहना है कि शिक्षा अधिकार अधिनियम के बहुत से नियम कानून महज कागजों में ही रह गए हें। सरकार को चाहिए कि सरकारी कर्मचारियों के लिए यह सख्ती से लागू करें। सरकारी कर्मचारी सरकारी स्कूल में या फ्रीशिप के तहत ही बच्चों को प़ढ़ाए। अगर बच्चा पब्लिक स्कूल में नहीं प़ढ़ रहा है तो पैसा न दें(नई दुनिया,दिल्ली,7.5.11)।

दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम में संशोधन के लिए निजी स्कूल दे रहे हैं सुझाव

Posted: 08 May 2011 07:45 AM PDT

दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम में होने जा रहे बदलाव में निजी स्कूल सलाह दे रहे हैं। स्कूल संशोधन कमेटी में भी शामिल होने की बात कर रहे हैं। स्कूलों का कहना है कि स्कूल के एरिया, नियमीकरण और शिक्षकों के वेतन में कुछ बदलाव होना बहुत जरूरी है। दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल एसोसिएशन ने दिल्ली सरकार को संशोधन कमेटी में शिक्षाविदों को शामिल करने के लिए पत्र लिखा है। एसोसिएशन का कहना है कि ८०० मीटर से कम क्षेत्रफल वाले स्कूल को मान्यता दी जानी चाहिए, बिना डीडीए की जमीन में चलने वाले स्कूलों को नियमित कर दिया जाना चाहिए, अलग-अलग फीस की रकम लेने वाले स्कूलों के शिक्षकों के वेतन तय कर देना चाहिए और शारीरिक दंड में सीधा पुलिस को न बुलवाकर स्कूल मैनेजमेंट, शिक्षा अधिकारी के पास होते हुए पुलिस तक बात जानी चाहिए(नई दुनिया,दिल्ली,7.5.11)।

यूपीःइस्तीफा देने वाले डाक्टरों की होगी जांच

Posted: 08 May 2011 07:30 AM PDT

सरकारी अस्पतालों में तैनाती के कुछ माह तक नेम फेम पाने के बाद लम्बे अवकाश पर जाकर नौकरी से इस्तीफा देने वाले डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ऐसे डाक्टरों की जांच कराने की तैयारी में है। लोकसेवा आयोग से चयनित होकर आने वाले डाक्टरों से विभाग को उम्मीद रहती है कि मरीजों के बेहतर इलाज के साथ डाक्टरों की कमी दू



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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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